छोटे परदे पर ‘बालिका वधु’ में आनंदी के नाम से मशहूर हुईं प्रत्यूषा बनर्जी…
सुनील दत्त एक प्रोस्टीट्यूट से राखी बंधवाते थे, बेटी ने बताया ये किस्सा
जब मां को कैंसर हुआ और वो हॉस्पिटल में एडमिट हुई तो पापा कुछ बदल से गए। वे रोज हॉस्पिटल की परिक्रमा करते थे जैसे हर ईंट से प्रार्थना कर रहे हों मां के ठीक होने की। जिंदगी के कुछ ऐसे ही संघर्ष के दिनों को पूर्व सांसद प्रिया दत्त ने साझा किया। वे सोमवार को आयोजित कार्यक्रम चौपाल में बोल रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन होटल राजपुताना शेरेटन में प्रभा खेतान और स्टार फाउंडेशन की ओर से किया गया।
प्रिया दत्त ने क्या बताया…
– प्रिया ने बताया, पापा के लिए सबसे बड़ा दुख था कि राजनीति में रह कर उन्होंने इतना कुछ किया लेकिन फिर भी उनको एंटी नेशनल बोल दिया था।
– जहां तक प्रोस्टीट्यूशन को लीगल करने का मुद्दा है तो मेरा ऐसा कहने के पीछे ठोस कारण है। पापा हर रक्षाबंधन के मौके पर इनसे राखी बंधवाने जाते थे।
– जब मैं ऐसी महिलाओं के साथ काम कर रही थी तो एक ब्लॉगर उनका इंटरव्यू करने आई। उसने पूछा कि आपको ये काम करते हुए कैसा लगता है, तो उसने जवाब दिया कि आप जर्नलिज्म कर रही हैं अपने पेट के लिए।
– पापा ने भी यही सिखाया कि हमें यूं ही किसी को जज करने का हक नहीं। सिचुएशन को समझना चाहिए और रेस्पेक्ट करनी चाहिए।
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