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पति महान कलाकार, पत्नी देश की सबसे बड़ी सिंगर लेकिन दोनों ने शराब पीकर कर ली आत्महत्या
गुरु दत्त हिंदुस्तान ही नही दुनिया के महल कलाकारों में गिने जाते है. वे डायरेक्टर, राइटर, एक्टर जैसे हर काम में निपुण थे. जिनके नाम की भभूत उनके बाद से सभी टॉप डायरेक्टर लगाते रहे हैं. उनकी ‘प्यासा’, ‘काग़ज के फूल’ कल्ट हैं. वे 39 की उम्र में मर गए. शराब के साथ नींद की गोलियां ले ली. उन्हें छोड़ किसी को नहीं पता जान क्यों दी? हालांकि उनके दोस्त अबरार अल्वी ने कहा कि वे सुसाइड करने के तरीकों पर उनसे पहले भी चर्चा कर चुके थे. लेकिन अचानक वे इस दुनिया को छोड़ कर चले गए.
जितनी दर्दनाक कहानी गुरु दत्त की है उससे भी ज्यादा उनकी पत्नी गीता दत्त की है. गीता दत्त का जन्म 23 नवंबर 1930 को फरीदपुर, बंगाल (बांग्लादेश) में हुआ था. गुरु दत्त की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म ‘बाज़ी’ (1951) के एक गाने की रिकॉर्डिंग बंबई के महालक्ष्मी स्टूडियो में हो रही थी. गाना था “तदबीर से बिगड़ी हुई तक़दीर बना ले”. इसे गाने आई थीं 20-21 साल की युवती गीता. वो युवती तब ही इतनी ऊंचाई पर बैठी थी कि गुरु दत जैसों का दायरा न था. गीता स्टार सिंगर थीं. तब तक कई भाषाओं में 400-500 या ज्यादा गाने गा चुकी थीं. भव्य लिमोज़ीन में घूमती थीं.
गुरु दत्त काफी गरीब परिवार से थे. वही गीता का पूरा नाम ही गीता घोष रॉय चौधरी था. जितना लंबा नाम उतना ही समृद्ध जमींदार परिवार. लेकिन फिर भी दोनों में प्यार हो गया था. तीन साल प्रेम के बाद 1953 में दोनों ने शादी कर ली. लेकिन उसके कुछ समय बाद दोनों के संबंध खराब हो गए. ललिता के मुताबिक, “दोनों में ईगो को टकराव था. साथ ही गीता शायद किसी बात से आहत थी. उनकी शादी 11 साल चली लेकिन दुखद चली. दोनों ही ब्रिलियंट आर्टिस्ट थे लेकिन निरंतर दरार बढ़ती रही. गीता एक्ट्रेस बनना चाहती थी. उसके लिए गुरु दत्त ने 1956-57 में कलकत्ता में ‘गौरी’ नाम की फिल्म बनानी शुरू की. लेकिन जल्द ही फिल्म को बंद करना पड़ा. गीता के साथ दिक्कत ये भी थी कि वो गुरु दत्त को लेकर बहुत पज़ेसिव थी. किसी भी वैवाहिक जीवन में ये बहुत खराबा करने वाली बात होती है.
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